श्रीमती शालिनी शर्मा पिछले दो दशकों से प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय हैं। पाठ्यक्रम और शिक्षण शैली पर शोध और कार्यान्वयन के क्षेत्र में उनका विशेष योगदान रहा है। शालिनी जी की रचनात्मक उपलब्धियों के लिए उन्हें ‘राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड’ और ‘रचनात्मक शिक्षक सम्मान’ से सम्मानित किया गया है। इन्होंने प्राथमिक से ले कर माध्यमिक स्तर की कई पाठ्यपुस्तकों की समीक्षा तथा पुनर्लेखन किया है तथा अनेक पुस्तकें भी लिखीं हैं ।’मंथन’ और’ अभिनंदन’ पुस्तक श्रंखलाएँ इस महती प्रयास में शामिल हैं । ‘मैं और मेरा व्याकरण’ तथा ‘व्याकरण सुमन’ को विशेष रूप से सराहा गया ।